अब हिमाचल प्रदेश में होगा हींग का उत्पादन, अफगानिस्तान से लाया गया हींग का बीज

भारत में हींग का बड़े [पैमाने पर आयात होता है. हींग के लिए भारत कब तक इस तरह ही आयात पर निर्भर रहेगा, लेकिन हींग को लेकर अब अच्छी खबर आई है. भारत में अब औषधीय गुणों से भरपूर हींग की पैदावार होगी. हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्थित क्वारिंग गांव के अंदर 17 अक्टूबर को हींग का एक पौधा लगाया  गया.


 



हींग का यह बीज अफगानिस्तान से लाया गया हैं , जिससे पालमपुर में स्थित हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) (IHBT ) की लैब में वैज्ञानिक तरीके से पौधे को तैयार किया गया. ट्रायल के तौर पर सीएसआईआर (CSIR ) और आईएचबीटी (IHBT ) ने लाहौल स्पीति जिले को चुना है. अगर हींग उत्पादन का यह ट्रायल सफल रहा तो इससे किसानों की आर्थिक स्थित में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है.


आईएचबीटी के निदेशक डॉक्टर संजय शर्मा ने बताया कि लाहौल स्पीति प्रदेश के सबसे ठंडे स्थलों में से एक स्थल है. इसलिए हींग उत्पादन के लिए इस स्थान  को चुना गया है. डॉक्टर संजय ने कहा कि देश में हींग का उपभोग बहुत अधिक है, लेकिन उत्पादन उतना नहीं होता.  भारत पूरी तरह से हींग के लिए अफगानिस्तान, इरान और उज्बेकिस्तान पर निर्भर है.


डॉक्टर संजय ने यह बी कहा कि भारत हर साल 1200 मीट्रिक टन हींग आयात करता है, जिसकी कीमत लगभग 600 करोड़ रुपये हैं. सायद आप नहीं जानते होंगे के दुनिया के कुल हींग उत्पादन का लगभग आधा केवल भारत उपभोग करता है.