Coronavirus (COVID-19) साइंटिस्ट दवारा स्टडी में पता चला है कि प्रदूषित हवा की वजह से Coronavirus (COVID-19) ने दुनिया में अब तक 1.7 लाख लोगों की जान ली हो. वैज्ञानिकों का दावा है कि पूरीदुनिया में कोरोना से हुई अब तक मौतों में से 15 फीसदी का रिस्ता प्रदूषण से पाया गया है. यह स्टडी Cardiovascular Research जर्नल के द्वारा की गई है.
वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि प्रदूषित वायु के छोटे-छोटे कण फेफड़े और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं. जब व्यक्ति कोरोना से बीमार होता है तो प्रदूषित वायु की वजह से उसकी तकलीफ बहुत बढ़ जाती है.
डेली मेल में आईं रिपोर्ट के मुताबिक, रिसर्चर्स की अंतरराष्ट्रीय टीम को पता चला है कि अगर हवा शुद्ध होती तो कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में लगभग 15 फीसदी की कमी हो सकती थी. सिर्फ ब्रिटेन में Coronavirus (COVID-19) से जान गंवाने वाले 6300 लोग बच सकते थे.
इस स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने विभिन्न देशों में मौजूद PM 2.5 की मात्रा का विश्लेषण किया. स्टडी में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर केमिस्ट्री (जर्मनी) के वैज्ञानिक जोस लेलिवेल्ड सहित अन्य रिसर्चर भी शामिल रहे . वहीं, स्टडी पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वतंत्र वैज्ञानिकों ने अपनी और से कहा है कि इस तरह के आंकड़े पर ध्यान देना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन ये संभव है कि प्रदूषण की वजह से इतनी अधिक मात्रा में मौतें हुई हों.
इससे पहले के कुछ रिसर्च में ऐसा भी अंदाजा लगाया जा चुका है कि दुनिया में हर साल प्रदूषण की वजह से लगभग 70 लाख लोगों की मौत होती है. रिसर्च में ये भी कहा गया था कि प्रदूषण ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, अस्थमा और कई अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीज की मौजूदा स्थिति खराब कर देता है.